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Showing posts from February, 2023

♤You could My Friend

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  Did you pass on the smile or just passed away? Did you express it to her or escaped into a ray? The thought was clear and you had a fair way, Why did you stop, My Friend, if you were about to say? Not just a day, among millions, you saw the blue, Shining sharp as if diamonds flew; Calm clouds, silent wind and a vibe so very true It was done, My Friend, you missed the clue. After, You looked eagerly, with dense-saturated thoughts Hoping for the best, creating new plots. Her single glance wiped out the box You left, My Friend, you lost in chaos. Back to the square, onto the two Whimpered, whispered as if new. Next for fifteen, a wish screwed few, Let the play begin, My Friend, I'm with you! - Parth Jadhav                                                                                                                                                            

λύκος

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  There's no way leading back, I move forward on my track. I'm that wounded wolf away from the pack, There's no way turning back. Wound's though deep, Oh God! I thank, Driving down the dark, all set to attack. Gazing the clusters; the stars I back, I'm the Ace and you are my Jack!!...   - Sudhanshu & Parth

Quotations

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नादान या नासमझ ?

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  कुछ दिनों से मुझे दो सवाल बहुत परेशान कर रहे थे। १)ऐसा क्यों है कि जिंदगी मे कुछ लोग बहुत आगे पहुँच जाते है और कुछ लोग बहुत पीछे छूट जाते हैं?  २)अच्छे लोगों के साथ बूरा क्यों होता है?  काफी देर सोचने के बाद मुझे ऐसा लगा कि ये सवाल सूनने मे अलग लगते है पर इनकी जड़ एक ही है। इसी जड़ को एक कथा के माध्यम से दर्शाने का प्रयास मैने किया है।  यह कहानी है एक भिकारी की जो सडक किनारे बैठ कर भिक माँगता था। बडा ही परेशान, उदास, ना कुछ करने कि भूक, ना कोई जीने कि वजह बस किसी तरह जिंदगी को काट रहा था। पर उसका किसमत मे बड़ा विश्वास था और वह हर रोज पूरे दील से भगवान की पूजा करता था। कुछ साल ऐसे ही कडवी जींदगी गुजारने मे चले गए, पर एक दिन भगवान ने ऊसकी बात सुन ली और उसकी जिंदगी बेहतर बनाने के फैसला लिया। एक दिन किमती चीजो से भरी थैली भगवान ने उसके पास रख दी।"तुमने मेरी पूरे दिल से पूजा कि है, ना कभी किसी का बूरा चाहाँ ना कभी किसी को धोका दिया। यह तोफा तुम्हारो लीए । सदा सुखी रहौ", यह कहकर भगवान वहाँ  से चले गए। कुछ देर वह भिकारी अपने सोच मे दुबा रहा | होश आनेपर वह उठा, थैली कि पूजी की और भीक